स्वस्थ रहने के कौन से तरीके हैं? How to become healthy?

नमस्ते प्रिय पाठको ! आज हम जानेंगे की स्वस्थ रहने की क्या सीक्रेट है। अधिकांश लोगो को तो ये तक नहीं पता होता है की स्वाथ्य किसे कहते है? हमे क्यों स्वस्थ बनना है? इसकी क्या आवश्कयता है? हम सबों ने कभी न कभी सुने ही होंगे की स्वस्थ ही धन है। स्वास्थ बिगड़ से सब कुछ बिगड़ जाता है तो आज हम जान सकेंगे की स्वस्थ लिए जो सबसे साधारण तरीका है वह कौन सा है?

मेरे मित्र और पाठको ! आपका स्वागत है मेरे इस लेख पर। मेरा नाम निर्भय कुमार है,और मैं एक योग प्रशिक्षक हूँ। वर्ष 2019 या 2020 के फरवरी तक कौन जानता था की कोरोना जैसे बड़ी विपदा आ जाएगी। जो भी हो अब हमें इससे लड़ने के लिए तैयार रहना ही पड़ेगा और इसमें बात आती है हम सबों की स्वस्थ रहना। हमारा इम्यून सिस्टम जितना अच्छा रहेगा हम उतना स्वास्थ के हिसाब से फिट रहेंगे। इस लेख में मैंने एक साथ टिप्स और ट्रिक्स और लाइफ हैक्स का एक सीक्रेट को प्रस्तुत किया हूँ। ताकि आप लोग भी एक सुपर हेल्दी 2020 में और आने वाले समय में रह सकें, मुझे बताएँ कि आप लोग किस तरह के दिनचर्या में रहते है आप अपना डेली रूटीन कमेंट कर बता सकते है या मेल भी कर सकते है care@aynva.com हैं।

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सेहत की दिनचर्या

तो अपनी सेहत की दिनचर्या को बदलने और 2020 के लिए सुपर फिट और स्वस्थ रहने के सबसे आसान तरीकों में से एक है, निश्चित रूप से सिर्फ़ अपने आहार में सुधार करना है और जी हां जब आप आहार में सुधार करेंगे तो आपकी दिनचर्या में भी सुधार होगी और रात्रि चर्या में दिनचर्या और रात्रि चाहिए यह दोनों यदि सही होंगे तो आपका स्वास्थ्य भी सही होगा। सुबह में जल्दी उठना वर्कआउट करना आसन प्राणायाम करना निश्चित समय पर नाश्ता लेना। दोपहर में मोटी अनाज, दाल सूप और सूर्यास्त से पहले रात का भोजन आपको ले लेना चाहिए। उसमें आप दो सब्जियां दो रोटी ले सकते हैं सोने से 3 घंटे पहले आप एक कप या एक गिलास दूध ले सकते हैं वह भी गाय का। यह तो हो गई बात की आप अपनी उम्र और वजन के हिसाब से अपना भोजन तय करें यह सुनिश्चित करें कि आपकी वजन और भोजन दोनों का समन्वय हो, यदि आपका वजन बढ़ा है तो भोजन में तली पदार्थ जंक फूड इत्यादि का सेवन करने से बचें यदि आप दुबले पतले हैं तो उचित मात्रा में वसा का सेवन कर सकते हैं जिसमें आपके सीजन के अनुसार फल और सब्जियां हैं ज्यादातर सब्जियों में फाइबर रहना अच्छा होता है।

कहां से प्रारंभ करें?

तो पूरी तरह से केवल उन चीजों को करना शुरू करें जिन्हें आप प्रेम करते हैं जैसे नृत्य या दौड़ना या बस अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलना पसंद है। मैं वास्तव में सिर्फ़ सलाह दे रहा हूँ वास्तव में करण आपको है। अपने आप रूटीन को काग़ज़ का एक टुकड़ा या एक योजनाकार या एक डायरी पकड़ा रहा हूँ बस आप जो वर्कआउट करना चाहते हैं, उसे नीचे कर सकते हैं ताकि आप उन्हें ट्रैक कर सकें यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप उनका उपयोग कर रहे हैं। क्या यह बात मुझे बताएँ कि अगर आप लोग कभी ऐसा करते हैं, लेकिन मैं हमेशा कहूंगा कि मैं काम नहीं कर सकता क्योंकि मैं इसे करने के लिए प्रेरित महसूस नहीं करता और फिर मैं कोशिश करता हूँ और प्रेरित होने की प्रतीक्षा करता हूँ और मैं कभी भी प्रेरित नहीं होता, इसलिए मैंने कभी काम नहीं किया। कोई और? एक योजनाकार होने के बावजूद मुझे बिस्तर से बाहर निकलने के लिए अधिक प्रेरित महसूस होता है और जैसे नाश्ते के लिए फ्रेंच फ्राइज़ खाना बंद कर देता है? लेकिन मुझे लगता है कि मेरे सभी वर्कआउट्स के साथ वहाँ योजनाकार पहले से ही लिखा हुआ है। यह मुझे बहुत अधिक प्रेरित महसूस करता है ठीक है, इसलिए एक सुपर आलसी व्यक्ति फिटनेस लाइफ हैक हर बार जब आप लोग बाथरूम से बाहर निकलते हैं। कभी कभी अजीब सा महशुस होता होगा जैसे मानो की रात का भोजन लगता है सही से नहीं पचा या लगता है ज्यादा तीखा भोजन कर लिया था। इस तरह सुबह आपके पेट साफ़ नहीं होते और दिनभर आप आलसी और थकन सा लगा रहता है , कभी कभी चिड़चडापन भी आ जाता हैं। इसका सबसे मुख्य कारण है पेट साफ़ न होना।

आपको क्या खाना अच्छा लगता है?

अब आप मुझे बताएं की आपका मजेदार भोजन कौन सा है और कौन सा भजन आप लेने में अच्छा लगता है। लेकिन यह मजेदार है अपने पसंदीदा अस्वास्थ्यकर भोजन के नीचे टिप्पणी करें। मुझे लगता है कि मेरा पसंदीदा परवल और लौकी की सब्जी है और आपका ?


यदि वास्तव में देखा जाए तो भोजन से हमारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता भी है और घटता भी है। तो हम ऐसी कौन सी भोजन लें जिससे हमारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे। अभी कोरोना संक्रमण काल चल रहा है, तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात हो जाती है कि हम अपने स्वास्थ्य को बनाए रखें स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भोजन के साथ साथ आवश्यक व्यायाम, योग, दौड़ व् तैराकी कि यह सभी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है, जितना कि हमें मास्क और सैनिटाइजर यूज करना। हम मास्क और सैनिटाइजर से तो अपने आपको थोड़ी देर के लिए बचा सकते हैं लेकिन यदि हमारा स्वास्थ्य ही गड़बड़ है, हमारा स्वास्थ्य ही हमें शरीर को चलाने में साथ नहीं दे रहा तब उस अवस्था में बात आती है उचित मात्रा में अपनी दिनचर्या को सेट करना और यह हम तभी करेंगे जब हम इसके प्रति जागरूक रहेंगे।

तो चलिए आज हम जानेंगे कि अपनी दिनचर्या को कैसे सेट करें, कैसे रूटीन में डालें।


सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा सुबह के उठने का समय निर्धारित हो यानी कि सूर्योदय से ठीक 1 घंटा पूर्व यदि हम अपना बिस्तर छोड़ देते हैं हैं तो हमारा माइंड अपने आप उस क्लॉक को सेट कर लेता है। जिससे हम अभ्यास कहते हैं और वैसे कहा भी जाता है कि यदि हम सुबह में उड़ते हैं तो हमारी कंसंट्रेशन पावर इंप्रूवमेंट होती है हमारी एकाग्रता बढ़ती है. हम किसी विषय पर फोकस अधिक कर पाते हैं साथ ही यदि हम सुबह उठते हैं, तो जठराग्नि भी मजबूत होती है सुबह उठ जाने के बाद अब हम सोच आदि से निवृत्त होकर आसन प्राणायाम करें, योग करें, ध्यान करें। एक मनुष्य के लिए आवश्यक है चाहे वह किसी भी धर्म जाति मजहब और किसी भी देश में रह रहे हो योगासन प्राणायाम तो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ही बना है।

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यह रहा आपका डेली रूटीन!

अब बात करते हैं कि सुबह के नाश्ते यदि आपका यह सारी क्रिया 7:00 से 8:00 तक आप कर लेते है तो आप उचित मात्रा में पेट भर कर फल या नाश्ता ले सकते हैं आपके इच्छा अनुसार या आप जो भी लेना चाह सकते हैं शुद्ध और शाकाहारी होना चाहिए सुपाच्य होना चाहिए इसका ध्यान रहे।
सुबह के 10:00 बजे आप कोई भी मौसम के अनुसार फल का जूस ले सकते हैं।

दोपहर के 1:00 बजे आप यह तय करें कि निश्चित रूप से दो रोटियां या फिर एक मध्यम कटोरी में चावल ले सकते हैं चावल और रोटी दोनों एक साथ नहीं लेना चाहिए या तो आप चावल ले या रोटी साथ में दो सब्जियां सलाद और दही ले सकते हैं

यदि आपको बार बार भूख लगती संध्या समय आप रोस्टेड चना जिसे भुना हुआ चना या बदाम एक मुट्ठी अर्थात 30 ग्राम लगभग आप ले सकते है।

रात्रि का भोजन सूर्यास्त के पहले कर ले तो बहुत अच्छा रहेगा यदि नहीं हो पाता है तो संध्या के साथ बजे तक आपको रात्रि का भोजन कर लेना चाहिए।

क्योंकि किसी भी भोजन को हम सब लेते हैं तो उसे पूर्ण रूप से पचने में लगभग 7 से 8 घंटे का समय लगता है यदि आप भोजन सुपाच्य ले रहे हैं तो भोजन जल्दी पच आएगा और यदि आप भोजन गरिष्ठ ले रहे हैं, तो भोजन पचने का अवधि लगभग 12 से 15 घंटे के बीच होता है। तो आप यह तय करें कि आपको कौन सा भोजन लेना है यदि मांस खाने के आदी हैं तो आप इसे छोड़ दें क्योंकि मांस को पचने में लगभग 20 से 22 घंटे का समय लगता है। जरा सोचिए यदि आप भोजन गरिष्ठ या तैलीय पदार्थ या मांस ले रहे हैं और बिना पचे दूसरी बार भोजन ले रहे हैं तो वह भोजन पचने के बजाय सड़ने लगता है और हमारी आतों में मॉल या गंदगी चिपकने लटगा है और यह क्रिया एक बार में नहीं होता बहुत ही धीरे धीरे होता। जब हमे जानकारी होता है तो बहुत देर हो चुकी होती हैं।

जब यह जहर या टॉक्सिन नहीं निकल पाटा है तो मोटापा बढ़ना शुरू होता है। जो व्यक्ति मोटे हैं उनके लिए बहुत ही सुंदर संदेश है कि आप अपने भोजन पर नियंत्रण करें भोजन लेने का समय सुनिश्चित करें बार-बार भोजन कर से हमारी आंते कमजोर हो जाती है क्योंकि हमारा आंत हमें यह आदेश नहीं देता कि बार-बार भोजन करें , क्योंकि उसकी भी एक कार्य क्षमता है। हमारी आंतो को जितना हम रिलैक्स देंगे जितना समय का अंतराल देंगे वह अपने कार्य उतना ही अच्छी गति से करेगा। अपने आतों को थोड़ा आराम दे, उसे कार्य करने के लिए उचित समय दें। ताकि आपका खाया हुआ भोजन उचित मात्रा में पच कर उसे रस बनाकर रख अस्थि मज्जा मेल और वीर्य में सके।
मूल रूप से भोजन और आसन प्राणायाम ही स्वास्थ्य को ठीक रखने की कुंजी है यदि कोई व्यक्ति इस नियम के अनुसार चलता है तो निश्चित रूप से स्वस्थ माना जाएगा।

मुझे उम्मीद है की आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि पसंद आया तो आप अपने घर परिवार, मित्रों तक अविलम शेयर करें हो सकता है उन्हे इस रूटीन के आवश्कता हो। और निश्चित रूप से यदि कोई भी मनुष्य यह बात समझता है की मुझे स्वस्थ रहना है तो वह इस लेख को पढ़कर अपने जीवन में अपना सकता है। आपने अपना बहुमूल्य समय देकर इसे पढ़ा समझा इसके लिए आपको आभार धन्यवाद।

लेखक- निर्भय निपुण

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