5 तरीके! क्या आप रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं? Do you want to improve your immunity?

मेरे प्यारे मित्र एवं पाठकों यह कोरोनावायरस संक्रमण काल का समय चल रहा है। जैसा कि हम जानते हैं कि आज पूरे विश्व में कोरोनावायरस से सभी देश सशंकित है चुकी अभी तक इसका कोई सही एंटी डॉट नहीं निकला। आज सभी लोग परेशान हैं कि इसका दवा क्या है ? कोरोनावायरस से हम कैसे निजात पा सकते हैं। जहां एक तरफ कोरोनावायरस की दवाइयां पर रिसर्च चल रही है सभी देश के वैज्ञानिक उस दिशा में काम करने में लगे हुए हैं ताकि इस कोरोनावायरस के संक्रमण को रोका जा सके। वहीं दूसरी तरफ हमारे शरीर की इम्यून सिस्टम के बारे में भी चर्चा की जा रही है, क्योंकि डॉक्टर एवं वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे शरीर की इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता जितनी अच्छी रहेगी कोरोनावायरस का संक्रमण उतना ही कम रहेगा। आज हम जानेंगे कि इम्यून सिस्टम क्या है? इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को कैसे सुरक्षित रखती है ? और इम्यून सिस्टम को बनाए रखने के लिए क्या-क्या उपाय करनी चाहिए? मुख्यता इन विषयों पर हमें अवश्य ही गौर करना चाहिए।


इम्यून सिस्टम क्या है?


इम्यूनिटी वह एक इंजन है वह एक रस है जो हमारे शरीर के भोज पदार्थ से बनता है। जो हमें बाहरी विषाणु के संक्रमण होने से बचाता है। वह जितना स्वस्थ और तरुण रहेगा हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही मजबूत रहेगी। यह हमारे कोशिकाओं अंग और रक्त में तथा प्रोटीन में मिलकर रहती है। जो एक स्वस्थ शरीर को बनाए रखने के लिए बनता ही रहता है, ताकि हम स्वस्थ रह पाए।


रोग प्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता क्यों?


जैसा कि ऊपर में चर्चा की गई है हमारी इम्यून सिस्टम जितनी अच्छी रहेगी हम उतना ही स्वस्थ रहेंगे। आज कौन नहीं चाहता है कि मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। आज कौन नहीं चाहता है सेहतमंद रहे। आज कौन नहीं चाहता है कि रोग मुक्त रहें। आज हर एक व्यक्ति चाहते हैं कि हम सभी शारीरिक व्याधियों से निजात पाएं लेकिन कैसे यह तभी संभव हो सकता है। जब हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखें हम अपनी दिनचर्या को सुधार कर रखें और यह नितांत आवश्यक है कि भी आज के परिवेश में जहां एक तरफ कोरोनावायरस का संक्रमण दूसरी दिनचर्या और तीसरी हमारे जीवन शैली में बदलाव आधुनिकरण की व्यस्तता के कारण यह सारी चीजें हमें रोग प्रतिरोधक क्षमता से दूर लेते जा रही है। या यूं कहें कि हमारे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता की बहुत ही आवश्यकता है खासकर दो दशकों के पीछे यदि हम देखें तो वह उस वक्त के लोग काफी शरीर से हट-कट्ठे मजबूत और बहुत मिलते थे। लेकिन आज वैसा नहीं है आज 10 मे से 7 व्यक्ति कोई न कोई रोग से पीड़ित अवश्य है। चाहे वह डायबिटीज हो। ब्लड प्रेशर हो। आंखों की रोशनी की समस्या हो। चिड़चिड़ापन हो। चर्म रोग हो। यह अगिनत ऐसी बीमारियां कहीं ना कहीं हमें दुखी करती है। हमारा जीवन शरीर को स्वस्थ रखने में ही चला जाता है और यह होना भी चाहिए जब तक हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तब तक हमारा मानसिक, आत्मिक विकास संभव नहीं है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के क्या कारण हो सकते हैं?


ऐसे अनेकों कारण है जिसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होते हैं। जैसे हमारा दिनचर्या – रात्रि चर्या शरीर के अनुकूल ना होना। हमारा भोजन ग्रहण करने का समय और उसकी मात्रा का सही ना होना। शरीर के अनुसार अमृत आहार का सेवन नहीं करते हैं जिसके कारण हमें बहुत सा बीमारियां गिरने लगती है। अधिक मिर्च मसाले तले भुने पदार्थों का सेवन करना। मांस का सेवन करना। शराब का सेवन करना। धूम्रपान करना। अरुचि कर भोजन करना। भोजन करते वक्त क्रोध अथवा तनाव के साथ भोजन करना। मानसिक रूप से चिड़चिड़ापन रहना। उचित अभ्यास या व्यायाम की कमी होना। अच्छे सदग्रंथों का स्वाध्याय ना होना। मानसिक रूप से बीमार रहना। डिप्रेशन एंजाइटी इत्यादि का होना। डर का भाव होना। अपनी भावनाओं को सही समय और सही रूप में प्रकट न कर पाना। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह सारी समस्याओं के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता दिन पर दिन कम होती जाती है यदि कोई व्यक्ति इन सब ऊपर धीरे-धीरे कंट्रोल कर ले तो अपनी न्यूज़ सिस्टम को बना सकता है।


रोग प्रतिरोधक क्षमता कितने प्रकार के होते हैं?

रोग प्रतिरोधक क्षमता दो प्रकार के होते हैं। पहला जो अल्प काल के लिए और दूसरा जो दीर्घकाल के लिए। अल्पकाल में वैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता आते हैं जो किसी और औषधि के सेवन करने मात्र से तुरंत निजात मिल जाता है, और दीर्घकाल में रोग प्रतिरोधक क्षमता आते हैं जो किसी दिनचर्या व्यायाम या खानपान से सुधार करने के बाद लंबे समय के लिए अपने शरीर को रोग मुक्त रख सकते हैं। हमें अब ध्यान देना होगा कि कौन सी कब हमें आवश्यकता है वैसे तो हमें दीर्घकाल के लिए अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को कैसे बढ़ाएं?


वैसे तो रोगी व्यक्ति रोग के साथ लड़ नहीं लड़ सकता लेकिन दूसरी बहुत अच्छी बात है कि यदि रोगी व्यक्ति के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता आ जाए तो रोग से लड़ सकता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को हम बढ़ा सकते हैं इसके कई तरीके हैं-


पौष्टिक भोजन का सेवन करना


आप भोजन का सेवन करते हैं। जैसे फल, दूध, फाइबर युक्त सब्जियां मोटी अनाज, अंकुरित चना मूंग इत्यादि इन सब में पर्याप्त विटामिन मिनरल्स पोटैशियम और गैलरी पाई जाती है जिससे आपकी इम्यून सिस्टम काफी अच्छा बन जाता है।


योगासन का अभ्यास करना


यदि आप रोज प्रतिदिन सूर्य नमस्कार और व्यायाम करते हैं। तो भी आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहती है, बढ़ती जाती हैं। सूर्य नमस्कार सभी आसन में सर्वोत्तम माना गया है क्योंकि यह 12 आसनों का एक समूह होता है जिसमें शरीर के सभी आंतरिक भाग और बाहरी भाग में मसाज की प्रक्रिया शुरू हो जाती है जिससे हमारे ग्रंथों का रिसाव तीव्रता से होने लगती हैं हमारे हारमोंस सही तरीके से काम करने लगते हैं और शरीर को पर्याप्त उर्जा मिलता है। जिससे इम्यून सिस्टम अच्छा रहता है।


भरपूर नींद लेना


आजकल की भागदौड़ की जीवन शैली में मानव नींद तो हम भूल ही गए। ऐसा लगता है कि सबसे ज्यादा जरूरी काम जो करना है उसे कर ही सोना है। पर ऐसा नहीं है यदि आप समय पर नहीं सोएंगे गहरी और अच्छी नींद नहीं लेंगे, तो आपके अंदर समय पर बनने वाला डोपामिन जो रस है।वह सही तरीके से नहीं बन पाएगी और आपको पूर्णानंद नहीं दे पाएगी आप ही देखिए ना जब आप अच्छे तरीके से नींद लेते हैं, तो आप कितना फ्रेश महसूस करते हैं। आप तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपकी नींद लेने से आपके मस्तिष्क में बना हुआ डोपामिन वो रिलीज होता है और आनंद की अनुभूति कराता है, आपको उस इम्यून सिस्टम अच्छा बन रहा है यह सिग्नल मिलता है।


नशीले पदार्थों का सेवन ना करना


आजकल बड़ी ही तीव्रता से बढ़ती जा रही है जिस प्रकार कॉर्पोरेट क्षेत्र में देखिए। यह बच्चों में जैसी आदतें ऐसे लग गई है मानो या इनकी जीवन शैली में है क्या हम इतना लाचार हैं कि नशीली वस्तुओं का सेवन करने के लिए ही जन्म लिए हैं। हम सब जानते हैं कि नशीले वस्तुएं हमारे मन मस्तिष्क और शरीर पर कितना गहरा नुकसान पहुंचाता है। फिर भी हम इसके बने हुए हैं यदि कोशिश कर इन सबों का त्याग करेंगे तो निश्चित रूप से हमें विषाणु या रोग नहीं करेंगी। क्योंकि नशीली वस्तुओं को सेवन करने से हमारी ग्रंथियों से निकला हुआ यानी हारमोंस पर दुष्प्रभाव करता है। जिससे अनुवांशिक गुण को भी नष्ट करता है। तो आप सोचिए कि नशा करना कितना नुकसान हो सकता है। तो आपसे विनम्र प्रार्थना है नशा का सेवन ना करें और आप स्वस्थ एवं इम्यून सिस्टम अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखें और अभी इसलिए आवश्यक यह भी है क्योंकि कोरोनावायरस का संक्रमण काल चल रहा है।


वजन पर नियंत्रण


क्या हम आप सब जानते हैं कि हमारा वजन क्यों बढ़ता है? जी हां बिल्कुल यह जानना बहुत ही आवश्यक है- वजन बढ़ने का सबसे मूल कारण है। आपकी भोजन का ना पचना और अपच भोजन हमारे शरीर में फैट बनाने का काम करते हैं क्योंकि जब तक भोजन पचेगा नहीं तब तक उस से बना हुआ रस हमारे को पोषण देगा नहीं, और जब यह नहीं पचेगा तब सड़ेगा और जब सड़ा हुआ भोजन मल बनकर नहीं निकलता है। तब तक वह हमारे शरीर को प्रदूषित करता रहेगा। इसका दुष्प्रभाव हमारे वजन बढ़ाने की ओर अग्रसर कर देगा। तो आप को सबसे पहला जो काम करना है। अपने पेट को साफ रखना है। पेट आपका साफ रहेगा तो वजन भी नहीं बड़ेगा। पेट साफ करने के लिए आप आयुर्वेदिक त्रिफला का सेवन कर सकते हैं सुबह गर्म पानी के साथ शौच जाने के पूर्व और रात को हल्का भोजन लें शाम के 7:00 बजे से पहले।

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मुझे उम्मीद है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा क्योंकि इसमें मैंने वह सारी बातें लिखी है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में आपको सहायता करें यदि अच्छा लगे तो आपने अपने मित्र परिवार या सगे संबंधी के साथ साझा करें। आपने पढ़ा अपना समय दिया इसके लिए आपका धन्यवाद।

लेखक- निर्भय निपुण

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