कमर दर्द एक जटिल समस्या !

कमर दर्द एक जटिल समस्या आज लगभग 70 लोग अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द से परेशान होते हैं । कमर दर्द आज के समय में एक आम बीमारी सी बन गई है कमर दर्द नया भी हो सकता है और पुराना भी हो सकता है । कमर दर्द के प्रमुख कारणों में कमर में लचक, स्वास्थ्य की स्थिति, उठने बैठने का गलत तरीका, तनाव होना, क्षतिग्रस्त डिस्क साइटिका या अर्थराइटिस हो सकता है।

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कमर दर्द के कारण

कमर दर्द के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे मसल्स में लचक का होना ।

गलत तरीकों से किसी चीज को उठाना यह रखना अत्यधिक तनाव लेना भी कमर दर्द के कारणों में एक हैं ।

ज्यादातर आपके मस्तिष्क के साथ तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है।

वसा का अत्यधिक जमाव हड्डियों का कमजोर होना हड्डियों की मजबूती के लिए नियमित कुछ व्यायाम और कैल्शियम का सेवन जरूरी है।

पौरुष ग्रंथि की व्याधि से भी यह रोग हो सकता है।

स्त्रियों में पेडू के विकार भी इसका एक कारण है मूत्राशय संबंधी रोगों से भी कमर दर्द होता है ।

पेट में कब्ज की वजह से भी कमर दर्द हो सकता है गर्भवती स्त्रियों में भी कमर दर्द आमतौर पर पाया जाता है।

कमर दर्द के लिए योगासन

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चक्कीचल आसन

दोनों पैरों को सामने फैला दें । दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा कर के बिल्कुल सीधा रखें । अब आगे झुकते हुए हाथों को पैर की उंगलियों को छूते हुए दाएं और बाएं और वृत्ताकार में घूम आए । जब गांव पर हाथ आए तो कमर को पीछे की ओर जाएं पैरों को स्थिर रखें इसी तरह दूसरी ओर से क्रिया को करें।

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भुजंगासन

पेट के बल लेट जाएं हाथों की हथेलियों भूमि पर रखते हुए हाथों को छाती के दोनों ओर रखें ।केहूनिया ऊपर उठी हुई तथा भुजाएं छाती से सटी हुई होनी चाहिए । पैरों के पीछे तने हुए भूमि पर टिके हुए हो और छाती सिर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं नाभि के नीचे पर इस तरह सिर को ऊपर उठाते हुए गिरवाई को यथासंभव जितना पीछे की ओर मोड़ सकते हैं। मोड़े कुछ पल तक की इस स्थिति में बने इस प्रकार पुणे इसकी आवृत्ति करें।

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मकरासन

मकरासन पेट के बल लेट जाएं दोनों हाथ की कहानियों को मिलाकर स्टैंड बनाते हुए हथेलियों को ढोडी के नीचे लगाएं। छाती को ऊपर उठाएं कि मुनियों एवं पैरों को मिलाकर रखें ।अब सांस भरते हुए पैरों को पहले 11 बाद में दोनों पैरों को मिलाकर एक साथ मोड़ना चाहिए। पैर मोड़ते समय पैरों की एड़ियां नितंब को स्पर्श करें। श्वास बाहर करते हुए पैरों को सीधा रखें इस प्रकार 20 और 25 आवृत्ति करें।

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शलभासन

पेट के बल लेट कर दोनों हाथों को जन गांव के बीच में रखें श्वास को अंदर भरे फिर दाएं पैर को ऊपर उठाएं घुटने से पैर नहीं मोड़ना चाहिए। थोड़ी भूमि पर टिकी रहे जिन्हें अगर ऐसा करने में परेशानी हो तो वह दूसरे पैर के तलवे से घुटना पर सहारा दे सकते हैं। इस अभ्यास को पुनः पैर बदलकर करें 10 या 15 सेकंड से इस अवस्था में बने रहेंया इस प्रकार 5 और 7 आवृत्ति करें।

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चक्रासन

पीठ के बल लेटकर घुटने को मोड़ने एड़िया नितंब के समीप लगी रहें ।दोनों हाथों को उल्टा करके कंधों के पीछे थोड़ा अंतर रखें । अब श्वास अंदर भरे कटी प्रदेश और छाती को ऊपर उठाएं फिर धीरे-धीरे हाथ समीप लाने का प्रयत्न करें। जिससे शरीर की चक्र जैसे आवृत्ति बन जाए। आसन से वापस आते समय शरीर को ढीला करते हुए पहले फिर इसके बाद कमर भूमि पर टिका दें। इस प्रकार 3 से 4 करें। इस आसनों के साथ ही मर्कटासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, उटरासन आदि के अभ्यास से कमर दर्द से मुक्त हो सकते हैं।

आसनों से लाभ

इन आसनों से लाभ उपर्युक्त सभी आसनों के अभ्यास से कमर तथा पीठ हुआ मेरुदंड लचीला होता है।

यह मेरुदंड के सभी विकृति को दूर करता है।

मूत्र विकारों को दूर करता है।

यह कमर की चर्बी को कम करता है।

महिलाओं के गर्भाशय की विकार को दूर करता है जिसे कमर दर्द होता है।

घरेलू उपचार

नमक मिले गर्म पानी में तोलिया डाल कर, पेट के बल लेटकर दर्द के स्थान पर स्थानीय द्वारा भाप लेने से कमर दर्द में राहत मिलती है।

नीचे रख भी किसी वस्तु को उठाते समय पहले अपने घुटने को मोड़े तब वस्तु को उठाएं कमर से नहीं मुड़ना है।

कमर दर्द वाले स्थान पर आयुर्वेदिक औषधि जैसे महानारायण तेल, महाविषगर्भ तेल आदि का मालिश करें यदि यह नहीं है तो 50 ग्राम सरसों के तेल में चार से पांच लहसुन की कलियां डालकर जब तक लहसुन की कली काली ना हो जाए गर्म कर ले फिर इसकी पेट कमर में मालिश करें। इस तरह उपर्युक्त सारी विधियों के अनुसरण से हम कमर दर्द से मुक्त हो सकते हैं।

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लेखक – निर्भय कुमार

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